शहर में मेरे फैली है खबर
की अब सांस लेना भी महंगा हो गया है इधर
क्योंकि हवा में अपने घुल गया है जहर
पैसे हो!!तो बिक रही है साँसे दुकानों पर
शायद गरीबो पे नहीं है इसका कोई असर!!
अगर होगा भी!! तो क्या ही करेंगे जीकर उम्र भर
©makkhan
मुखौटा
हंसी दिखावटी
ख़ुशी दिखावटी
परत दर परत खुलते जाते है |
अब तो झूठ भी ऐसी सादगी से बोले जाते है |
की सच से भी बढ़कर सच नज़र आते है |
नकलीपने का आलम तो कुछ ऐसा है |
वो जो परतो की गहराइयों में बसी एक आत्मा है |
आजकल तो उसकी ईमानदारी पर भी भरोसे कम ही किये जाते है |
©makkhan
जिंदगी
गणित के हिसाबो में गलतियां होने पर
प्रश्न दोबार पढ़ कर
फिर से गलतियां सुधार कर
हिसाबो को ठीक किया जा सकता है
जिंदगी एक ऐसा सवाल है|
जिसका हिसाब पीछे जाकर नहीं
बस आज से शुरुआत करके सुधारा जा सकता है |
एक मौका !!
कल रात एक सुन्दर सपना आया
मैंने अपने नन्हे हाथो में कलम था उठाया
पीठ पर मेरे एक सुन्दर सा कई खानो वाला बैग था
जिसमे कहानियों की, गणित की कई सारी किताबे भी थी |
ऊपर एक सफ़ेद रंग की शर्ट और नीचे एक नीले रंग की पेंट पहनी थी शायद
बाल भी बढ़िया से बने हुए थे
स्कूल गया, पढाई की, शरारत की , नए नए दोस्त बनाये
घर वापस आया माँ के हाथो से बना बढ़िया सा खाना खाया
सामने एक बड़ा सा मैदान था , दोस्तों के साथ खूब खेला
रात में माँ की लोरी की प्यारी आवाज सुनते सुनते सपनो की दुनियां में फिर से खो गया |
अचानक वो प्यारा सुनहरा सपना टूट गया |
तब असली और सपने की जिंदगी का फ़र्क़ समझ आया|
फ़र्क़ बस इतना था
उन्ही नन्हे हाथो में चाय की केतली थी|
और पीठ पर कचरे का ढेर |
हाँ किताबे तो थी लेकिन पुरानी |
जिनको पढ़ना तो चाहता था |
पर पढ़ाने वाला कोई न था |
स्कूल जाते हुए हसते खेलते बच्चो को देख मन बहुत ललचाया |
शाम को घर लौट कर आया,मेरी माँ ने भी मुझे खाना खिलाया
पर शायद खुद नहीं खाया
उसने भी मुझे वैसे ही लोरी सुनाई
शायद उतनी प्यारी तो नहीं थी
लेकिन हाँ मुझे अंदर से मजबूत बनाने के लिए काफी थी|
मै यही सोंचते सोंचते सो गया |
काश !!!
मुझे भी एक मौका मिलता|
©makkhan
The Journey Begins
Thanks for joining me!
Good company in a journey makes the way seem shorter. — Izaak Walton